Posts

Showing posts from March, 2021

शिव-भाव से देश व समाज शुभ बने

  महाशिवरात्रि / 11 मार्च 2021 शिव-भाव से देश व समाज शुभ बने फादर डॉ. एम. डी. थॉमस निदेशक, इंस्टिट्यूट ऑफ हार्मनि एण्ड पीस स्टडीज़, नयी दिल्ली ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------ 11 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस रात्रि को लेकर कई मान्यताएँ होती हैं, जैसे शिव ने नृत्य किया था, शिव की पार्वती से शादी हुई थी, शिव ने खुद ज़हर पीकर दुनिया को बरबाद होने से बचाया था, आदि। हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने में शिवरात्रि होती है। इसलिए सालाना शिवरात्रि को ‘महाशिवरात्रि’ कहते हैं। शिव दर्शन की परंपरा भारत की मुख्य धार्मिक परंपराओं में गिनी जाती है। कहा जाता है कि शिव परंपरा वेद की, वेद के पहले की और वेद के बाहर की कई परंपराओं का मिला-जुला रूप है। शिव की कल्पना की सबसे मज़बूत जड़ें जनजातीय परंपराओं में मिलती हैं। पर्वतीय आवास, पार्वति, आदि बातें इसी हकीकत को साबित करती हैं।    परंपरा के अनुसार शिव ‘कैलाश पर्वत’ पर निवास करता है, जो कि इस समय चीन में है। कैलाश पर्वत वैदिक, जैन, बौद्ध औ

महिलाओं की भूमिका से देश व समाज बेहतर बने

    अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस / 8 मार्च 2021 महिलाओं की भूमिका से देश व समाज बेहतर बने फादर डॉ. एम. डी. थॉमस निदेशक, इन्स्टिट्यूट ऑफ हार्मनि एण्ड पीस स्टडीज़, नयी दिल्ली ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------ 8 मार्च ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ के लिए जाना जाता है। 1975 में ‘संयुक्त राष्ट्र संघ’ ने यह परंपरा शुरू की थी। 1977 में संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य राष्ट्रों को भी इस परंपरा को निभाने का न्योता दिया गया था। तब से लेकर पूरी दुनिया में इस दिन को महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। ‘महिला समाज में सही मायने में महिला बनकर रहे’, यही इस दिवस का अहम् संदेश है। ‘नर और मादा’ की कल्पना रचनाकार का सबसे अजब करिश्मा है। इन्सान में यह बात अपनी सारी बुलंदियों में पायी जाती है। कहने की ज़रूरत नहीं है कि नर और नारी एक दूजे के लिए है और आपस में पूरक हैं। जैसे दो हाथ और दो पैर हैं या दो कान और दो आँखें हैं, ठीक वैसे ही नर और नारी एक दूसरे के साथ मिलकर रहें और चलें, बस, यही खुदा की योजना है। कुदरत की

महात्मा गाँधी की प्रेरणा से देश बेहतर बने

  शहीद दिवस / 30 जनवरी 2021 महात्मा गाँधी की प्रेरणा से देश बेहतर बने फादर डॉ. एम. डी. थॉमस संस्थापक निदेशक, इंस्टिट्यूट ऑफ हारमनि एण्ड पीस स्टडीज़, नयी दिल्ली ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------ जैसा कि हमें मालूम है, 30 जनवरी को भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की शहादत हुई थी। यह दिन भारत में ‘शहीद दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यदि इतिहास के झरोखे से देखा जाय तो 1948 में मोहनदास करमचंद गाँधी की हत्या नाथूराम गोडसे द्वारा हुई थी, जो कि हिंदू महासभा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य तथा राजनीतिक कार्यकर्ता थे। साफ है, बेचारा आदमी महात्मा के मिज़ाज़ को हज़म नहीं कर पाये। आखिर, महात्मा तो महात्मा है। उन्हें समझने के लिए कुछ बड़ा दिमाग ज़रूर चाहिए। खैर, यही इस दिन की सार्थकता है। इस दिन बापू जी के साथ-साथ देश के लिए मर मिटे भारत के अन्य शहीदों को भी याद किया जाता है। रस्म के तौर पर इस दिन देश के राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, रक्षा मंत्री और तीन सेवा प्रमुखों द्वारा समाधि स्

भारत का गणतंत्र मज़बूत हो!

  गणतंत्र दिवस 2021 / 26 जनवरी 2021 भारत का गणतंत्र मज़बूत हो! फादर डॉ. एम. डी. थॉमस संस्थापक निदेशक, इंस्टिट्यूट ऑफ हारमनि एण्ड पीस स्टडीज़, नयी दिल्ली ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------ 26 जनवरी 2021 को भारत का 72वाँ गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। ज़ाहिर है, यह दिन भारत देश का राष्ट्रीय पर्व है तथा सभी नागरिकों के लिए हर्ष और उल्लास का अवसर है, होना भी चाहिए। गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह देश की राजधानी नयी दिल्ली के इंडिया गेट और राजपथ पर संपन्न होता है, जिसकी परंपरा 1955 में शुरू हुई थी। भारत की ‘विविधता में एकता’ का परिचय देनेवाला यह अनोखा नज़ारा अपने आप में एक अव्वल समा बाँधने वाली हैं। सैन्य टुकड़ियों का परेड, विविध राज्यों और विभागों की तरफ से भव्य झाँकियाँ, कुशल कलाओं की प्रस्तुतियाँ, छात्र-छात्राओं के रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, राजपथ की दोनो तरफ खचाखच भरे हुए नागरिक दर्शक और शासन-प्रशासन के पदाधिकारी, आदि इस समारोह की विविध कड़ियाँ हैं। इसी तर्ज पर, झंडा वंदन, संस्कृति और कला

प्रेम का स्वर्णिम नियम ईसा का पैगाम

  क्रिस्मस / 25 दिसंबर 2020 प्रेम का स्वर्णिम नियम ईसा का पैगाम फादर डॉ. एम. डी. थॉमस   निदेशक, इंस्टिट्यूट ऑफ हार्मनि एण्ड पीस स्टडीज़, नयी दिल्ली ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------ 25 दिसंबर आ गया है। इस दिन, ईसा मसीहा बनकर दुनिया में अवतरित हुए थे। यह ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा पर्व तो है ही। यह दुनिया में सबसे ज्यादा तादाद में विविध समुदायों के लोगों को एक साथ लाने वाला पर्व भी है। ईसा जयंती की रौनक बढ़ाने वाली कुछ चीजें हैं, जो कि कुल मिलाकर सबको पसंद होती हैं। ईसा की पैदाईश का नज़ारा पेश करने वाला ‘क्रिस्मस क्रिब’ या झाँकी, सब लोगों को इनाम देने वाला ‘क्रिस्मस ट्री’, बच्चों में चोकलेट बाँटकर उनके साथ खेलने वाला सांताक्लॉस या संत निकलस, छोटे-बड़े सबके मुँह में मिठास भरने वाला ‘क्रिस्मस केक’ तथा ईश्वरीय निष्ठा को ज़ाहिर करने वाली ‘मोमबत्तियाँ’ उनमें खास हैं। ज़ाहिर-सी बात है, ‘ईसवीं सन्’ ईसा के जन्म से नाता रखता है, जिसके अनुसार इन्सान का इतिहास ‘ईसा पूर्व और ईसा पश्चात्’ के रूप में दो

अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकार महफूज रहें

  अल्पसंख्यक अधिकार दिवस / 18 दिसंबर 2020 अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकार महफूज रहें फादर डॉ. एम. डी. थॉमस   निदेशक, इंस्टिट्यूट ऑफ हार्मनि एण्ड पीस स्टडीज़, नयी दिल्ली -----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------   18 दिसंबर भारत में ‘अल्पसंख्यक अधिकार दिवस’ है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1948 में किये गये ‘सर्व राष्ट्र मानव अधिकार घोषणा पत्र’ इस दिवस का आधार है। साथ ही, संयुक्त राष्ट्र द्वारा सभी देशों के अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए 1992 में किये गये ‘संकल्प पत्र’ रहा है इस दिवस को तय करने की विशेष प्रेरणा। इसके तहत भारत सरकार ने 1992 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की, जिसकी प्रांतीय इकाइयाँ पूरे देश में बनी हुई हैं। भारत के अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना, उनसे जुड़ी हुई शिकायतों का निपटारा करना तथा इस सिलसिले में लोगों में जागरूकता फैलाना इन संस्थाओं का काम है। इसके अलावा, सालाना तौर पर नागरिकों को इस दिशा में चेताना और जगाना अल्पसंख्यक अधिकार दिवस का म

Human Rights Not to be Violated

  World Human Rights Day / 10 December 2020 Human Rights Not to be Violated Fr Dr M. D. Thomas Director, Institute of Harmony and peace Studies, New Delhi ----------------------------------------------------------------------------------------------------------- The world celebrates ‘Human Rights day’, across the nations, on the 10 th day of December. This celebration is grounded in the ‘Universal Declaration of Human Rights’, declared by the United Nations Organization in 1948. This decisive declaration enjoys the credit of being the first ever enunciation of human rights on the global level and of being the most translated document in the world, after the Bible. The formal establishment of Human Rights day in 1950 placed a clarion call to the member states and organizations to celebrate this historic day across the globe, as a common ethical standard of achievement for peoples and nations. As we know, we humans are born with a series of rights, like food, clothing an