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Showing posts from April, 2021

रमज़ानी रोज़ा और ज़कात से इन्सान पाक और नेक बने

  रमज़ान 2021 / 12-13 अप्रेल से 12-13 मई रमज़ानी रोज़ा और ज़कात से इन्सान पाक और नेक बने फादर डॉ. एम. डी. थॉमस   निदेशक, इन्स्टिट्यूट ऑफ हार्मनि एण्ड पीस स्टडीज़, नयी दिल्ली ----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- ‘रमज़ान’ का आगाज़ हो रहा है। यह एक महीने का नाम है। यह इस्लामिक पंचांग का नौवाँ महीना है। रमज़ान का महीना इस साल 12 या 13 अप्रेल शाम से 12 या 13 मई शाम तक फैला हुआ है। इस अर्से के भीतर हिलाल या वर्धमान चाँद का एक चक्र पूरा होता है। ज़ाहिर है, यह महीना मुसलमानों के लिए बेहद पुनीत है। रमज़ान इस्लाम की पाँच सबसे खास बातों में एक भी है। ‘रमज़ान’ महीने भर का उपवास या रोज़ा रखने के लिए जाना जाता है। इस महीने में रात को कुछ खास इबादत होती है, जिसे ‘तरावीह की नमाज़ या दुआ’ कहते हैं। कुरान की तिलावत या कुरान को पढ़ना इस महीने का अहम् काम है। कुल मिलाकर, रमज़ान नेकियों और इबादतों का महीना है। कुछ मौन रहकर खुद की छान-बीन करना और तोहफे के तौर पर ज़िंदगी में जो क

Realizing the Right to Health for All

  World Health Day 2021 / 07 April Realizing the Right to Health for All Fr Dr M. D. Thomas Director, Institute of Harmony and Peace Studies, New Delhi -----------------------------------------------------------------------------------------------------------   The 07th day of April marks the celebration of ‘World Health Day’. This celebration was launched under the patronage of World Health Organization, which was founded in 1948. The idea of the day was mooted in its first World Health Assembly in 1948 and the celebration took effect in 1950.   The ‘World Health Day’ is one of 11 official  global health  campaigns that are marked by World Health Organization. World Tuberculosis Day ,  World Immunization Week ,  World Malaria Day ,  World AIDS Day ,  World Patient Safety Day  and  World Hepatitis Day are a few among them. The ‘World Health Day’ remains the most fundamental and inclusive of all of them, too. The purpose of ‘World Health Day’ was primarily to mark the

जी उठकर ईसा ने अमरता की राह बनायी

  ईस्टर 2021 / 04 अप्रेल जी उठकर ईसा ने अमरता की राह बनायी फादर डॉ. एम. डी. थॉमस निदेशक, इन्स्टिट्यूट ऑफ हार्मनि एण्ड पीस स्टडीज़, नयी दिल्ली --------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- 04 अप्रेल को ईस्टर है, याने ‘पुनरुत्थान पर्व’। यूनानी मूल से इसे ‘पास्का पर्व’ कहा जाता है। ईसाई मान्यता के अनुसार इस दिन ईसा मसीह मरने के बाद तीसरे दिन जी उठे थे। बाइबिल के अनुसार मरने से पहले ईसा ने इस बात की ओर संकेत भी किया था। ईसा जयंती के बाद ईस्टर ही ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा पर्व है।   ईस्टर अपने आप में कोई अलग घटना हो, ऐसा तो नहीं है। ईसा की ज़िंदगी की आखिरी घड़ियों से जुड़ी हुई तीन घटनाएँ होती हैं, जो कि एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। ‘अपने शिष्यों के साथ अंतिम भोजन करना और उनके पैर धोना’ पहली घटना है। ‘सलीब पर अपनी जान को पिता परमेश्वर के हाथों सौंपकर मर जाना’ दूसरी घटना है तथा ‘मुर्दों में से जी उठना या ईस्टर’ तीसरी घटना भी। इन तीनों घटनाओं को ईस्टर की तीन कडि़याँ कही जा सकती हैं।   तीन दिनों में बिखरी हुई इन ती

होली के पर्व से जीवन में रंग आये

  होली / 28 मार्च 2021 होली के पर्व से जीवन में रंग आये फादर डॉ. एम. डी. थॉमस निदेशक, इंस्टिट्यूट ऑफ हार्मनि एण्ड पीस स्टडीज़, नयी दिल्ली ---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------    28 मार्च को भारत में ‘होली’ का त्योहार मनाया  जा रहा  है। यह ‘रंगों का पर्व’ है। इसे ‘वसंत का त्योहार’ भी कहते हैं। सरदी के बाद वसंत का स्वागत करना और उसके आगमन को मनाना इसका मकसद है। बुराई पर अच्छाई की जीत इसका नैतिक और आध्यात्मिक तत्व है, हँसी, खुशी और प्यार इस लोकप्रिय त्योहार का सामाजिक भाव भी। होली का त्योहार खास तौर पर भारत और नेपाल में मनाया जाता है। विविध प्रदेशों में इस त्योहार के अलग-अलग नाम हैं, जैसे ओडिषा में ‘डोल पूर्णिमा’, पंजाब में ‘होला मोहल्ला’ और दक्षिण भारत में तोलुना। कहा जाता है कि चौथी सदी से इस त्योहार को मनाये जाने की परंपरा है। फसल की कटाई के बाद शुक्रिया-भाव आपस में इज़हार करना इस पर्व का ज़मीनी मकसद है। नयी फसल के दाने से बने अलग-अलग पकवान, मिठाई और खाने से लोग एक दूसरे की खातिरदारी करते हैं