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Showing posts from May, 2021

Good Family Makes a Good Society

  International Day of Families Day 2021 / 15 May Good Family Makes a Good Society   Fr Dr M. D. Thomas Director, Institute of Harmony and Peace Studies, New Delhi --------------------------------------------------------------------------------------------------------------- The 15 th day of May is observed, world over, as ‘International Day of Families’. This is also called ‘International Family Day’ or ‘World Family Day’. This day was proclaimed by the UN General Assembly in 1993 with a resolution. The celebration kicked off in 1994, as well.   The ‘International day of Families’ highlights the importance of family for the humans across the globe. Families include people, societies and cultures around the world, and therefore, communities, nations and the global society, too. The day is scheduled for promoting awareness of issues relating to families and to increase knowledge of the social, economic, demographic and cultural processes affecting families. The ...

ईद से समाज में भाईचारे और ज़कात की तहज़ीब बने

  ईद-उल-फित्र 2021 / 14 मई  ईद से समाज में भाईचारे और ज़कात की तहज़ीब बने फादर डॉ. एम. डी. थॉमस   निदेशक, इंस्टिट्यूट ऑफ हार्मनि एण्ड पीस स्टडीज़, नयी दिल्ली --------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- 14 मई को ‘ईद-उल-फित्र’ का पर्व मनाया जा रहा है। इसे ‘ईद-अल-फितर’ भी कहते हैं। ‘ईद’ का मतलब ‘मनाना’ है और ‘फितर’ का मतलब ‘इफ्तार’, याने रोज़े को तोड़ना। दूजे लफ्ज़ों में, महीने भर के रमज़ानी रोज़े को अंजाम तक पहुँचाते हुए पर्व के तौर पर खुशी का इज़हार करना ‘ईद-उल-फित्र’ है। ज़ाहिर है, यह इस्लामी समुदाय का सबसे बड़ा पर्व है। इस्लामी पंचांग चाँद को बुनियाद मानकर बनाया हुआ है। इसलिए हर महीना नये चाँद के साथ शुरू होता है। नौवाँ महीना रमज़ान रहा और दसवाँ महीना ‘शव्वाल’ होता है। शव्वाल महीने की पहली चाँद रात को ‘अल्फा’ कहते हैं। इसकी अगली सुबह को पर्व के तौर पर मनाने की रिवायत है। चाँद के दीदार के बाद ही ‘ईद-उल-फितर’ का एलान होता है। साफ है, ‘ईद-उल-फितर’ मुसल्मानों के लिए सालाना तौर पर एक नयी शुरू...

काम से ज़िंदगी और ईश्वर को एक-साथ साधना होगा

  अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस / 1 मई 2021 काम से ज़िंदगी और ईश्वर को एक-साथ साधना होगा फादर डॉ. एम. डी. थॉमस निदेशक, इन्स्टिट्यूट ऑफ हार्मनि एण्ड पीस स्टडीज़, नयी दिल्ली --------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- 1 मई को ‘अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इसे ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक या श्रम दिवस’ भी कहा जाता है। इस दिन को ‘मई दिवस’ कहने की रिवाज़ भी आम है। ‘मज़दूरों को अपने अधिकार दिलाना और मज़दूर संगठनों को मज़बूत करना’ इस दिवस का मूल उद्देश्य रहा। आज की तारीख में दुनिया के कुछ 80 से ज्यादा देशों में यह दिन मनाया जाता है। अगर इतिहास के झरोखे से देखा जाय तो मज़दूरों के अधिकारों के लिए जो लोग लड़कर​ शहीद हुए थे, उन्हें याद करना भी इस दिवस का एक खास मकसद रहा है। इस दिन को ‘शांति व साम्यवाद के लिए मज़दूरों के संघर्ष और समारोह’ के रूप में याद किया जाये, यही जायज है। 1886 में शिकागो में अमेरिका के मज़दूर संगठनों ने ‘काम का समय आठ घंटे’ से ज्यादा रखने के खिलाफ हड़ताल की थी। ‘इस माँग क...

अहिंसा के पालन से महावीर के तर्ज़ पर जिनेंद्र बनें

  महावीर जयंती 2021 / 25 अप्रेल   अहिंसा के पालन से महावीर के तर्ज़​ पर जिनेंद्र बनें फादर डॉ. एम. डी. थॉमस   निदेशक, इन्स्टिट्यूट ऑफ हार्मनि एण्ड पीस स्टडीज़, नयी दिल्ली --------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- 25 अप्रेल को महावीर जयंती का पर्व मनाया जा रहा है। यह दिन महावीर जैन का जन्म दिवस है। जैन परंपरा में इसे ‘महावीर जन्म कल्याणक’ कहा जाता है। तीर्थंकरों की जैन तालिका में महावीर 24वें और आखिरी तीर्थंकर हैं और उनके जन्म की सालगिरह जैन समुदाय का सबसे महत्वपूर्ण पर्व भी है। जैन ग्रंथों के अनुसार महावीर जैन ईसा पूर्व 599 में चैत्र माह के तेरहवें दिन पैदा हुए थे। इतिहासकारों की राय है कि आपका जन्मस्थल बिहार के चंपारण जिले का कुंदलपुर है। महावीर के माँ-बाप लिच्चवि वंश के कुंदग्राम के राजा सिद्धार्थ और रानी त्रिशला थे। अपने वैशाली गणराज्य में राजा वोट के ज़रिये चुने जाते थे। तब जाकर महावीर ‘लोकतंत्र’ के हिमायती बने और ‘जान’ की इज़्ज़त और जीवन के विविध पहलुओं में ‘बराबरी’ आपके आदर्श बने।...